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दिल्ली में होने जा रहा है 2-4 मार्च को पूसा कृषि विज्ञान मेला जाने यहां क्या होगा खास

दिल्ली में होने जा रहा है 2-4 मार्च को पूसा कृषि विज्ञान मेला जाने यहां क्या होगा खास

दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के ग्राउंड में लगने वाला कृषि मेला 2 से 4 मार्च तीन दिनों तक चलेगा। आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह ने कृषि मेला की जानकारी देते हुए कहा,

"इस बार पूसा कृषि विज्ञान मेला मार्च 2 से 4 तक लगाया जाएगा। मेले का उद्घाटन 2 मार्च को केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे।"

पूसा कृषि विज्ञान मेले का मुख्य आकर्षण क्या होगा

अगर आप भी संरक्षित खेती, प्राकृतिक खेती और
मोटे अनाजों के बारे जानकारी चाहते हैं, तो आपके लिए बढ़िया मौका है, पूसा कृषि विज्ञान मेला में सारी जानकारियां आपको एक ही जगह पर एक साथ मिल जाएंगी। 

इस बार कृषि मेले में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंर्तगत मोटा अनाज आधारित मुल्य श्रृंखला विकास, स्मार्ट खेती/ संरक्षित खेती मॉडल, जलवायु तन्यक एवं संपोषक, कृषि विपणन एवं निर्यात, किसानों के नवाचार- संभावनाएं एवं समस्याएं, किसान उत्पादक संगठन- स्टार्टअप लिंकेज जैसी जानकारियां दी जाएंगी। 

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पूसा कृषि विज्ञान मेले में उन्नतशील किसानों को किया जाएगा सम्मानित

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा कृषकों के नवाचारों को महत्ता देता है तथा व्यावहारिक कृषि प्रौद्योगिकियों एवं तकनीकों को विकसित और प्रसारित करने वाले प्रतिभावान कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में  लगभग 25-30 उन्नतशील किसानों को उनके नवाचार सृजन और प्रसार में उत्कृष्ट योगदान के लिए भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों से सम्मानित करता है । 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान वर्ष 2023 के भाकृअनुसं-नवोन्मेषी किसान और भाकृअनुसं-अध्येता किसान पुरस्कारों के लिए योग्य नवोन्मेषी कृषकों के आवेदन आमंत्रित करता है, जिन्हें मार्च 2-4, 2023 के दौरान आयोजित होने वाले पूसा कृषि विज्ञान मेले में प्रदत्त किया जाएगा। 

मेरीखेती की टीम भी इस कृषि मेले में उपस्थित रहने वाली है अगर आप इस मेले से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारे यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/c/MeriKheti/ पर देख सकते है।

पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया जा रहा आयोजन किसानों को दी जाऐंगी यह जानकारियाँ

पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया जा रहा आयोजन किसानों को दी जाऐंगी यह जानकारियाँ

पूसा में प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृषि विज्ञान मेला आयोजित होने वाला है। ऐसे में यदि आप कृषि की आधुनिक तक़नीक मतलब की स्मार्ट कृषि के विषय में जानकारी लेना चाहते हैं, तब पूसा कृषि विज्ञान मेले में आपकी उपस्थिति बेहद जरुरी है। 

आपको बतादें कि प्रति वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (ICAR) एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (IARI) माध्यम से कृषि विज्ञान मेला आयोजित किया जाता है। 

जिसकी प्रतीक्षा पूरे भारत के किसान भाइयों को रहती है। यह तीन दिवसीय मेला 2 मार्च से आरंभ हो रहा है। जिसका उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी द्वारा किया जायेगा।

इस थीम के अनुरूप रहेगा पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023

पूसा कृषि विज्ञान मेला का आयोजन 2 से 4 मार्च 2023 को मेला ग्राउंड पूसा, दिल्ली में होने जा रहा है। फिलहाल, पूसा कृषि विज्ञान मेला विशेष रूप से “
श्री अन्न (मोटे अनाजों) के माध्यम से पोषण, खाद्यान्न एंव पर्यावरण सुरक्षा” थीम के अनुरूप होगा।

किसानों की समस्याओं का किया जाएगा निराकरण

आपको बतादें कि पूसा मेले के अंतर्गत ना सिर्फ संस्थान के माध्यम से विकसित विभिन्न फसलों के उम्दा प्रमाणित बीज न्यूनतम भावों पर मुहैय्या किए जाते हैं। 

साथ ही, किसानों को कृषि व खेती-किसानीं से जुड़ी नवीन तकनीकों से परिचित कराया जाता है। साथ ही, खेती-बाड़ी में किसान भाइयों को हो रही समस्याओं का निराकरण भी कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से दिया जाएगा।

पूसा कृषि विज्ञान मेले से जुड़ी जानकारियां

पूसा कृषि विज्ञान मेला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसको प्रति वर्ष बेहद उत्साहित होकर मनाया जाता है। मेले के दौरान बड़ी तादात में निजी संस्थान, संगठन वैज्ञानिक और किसान भाई हिस्सा लेते हैं। मेले का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में जारी की जा रही नवीन उम्दा तकनीकों के विषय में किसानों के मध्य जागरूकता के अभाव को दूर किया जाएगा।

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साथ ही, इसका उद्देश्य किसान भाइयों को स्थिर कृषि के तरीकों के संबंध में शिक्षित करना है। साथ ही, यह भी है, कि वह स्वस्थ फसलों का उत्पादन करने के लिए इसका इस्तेमाल किस तरह कर सकते हैं।

इस मेला में एग्रोकेमिकल्स का इस्तेमाल और उन्हें लाभान्वित करने वाली विभिन्न योजनाओं से भी अवगत किया जाता है।

पूसा कृषि विज्ञान मेले में किसान जरूर जाएं

किसान भाइयों को पूसा कृषि विज्ञान मेले के अंतर्गत खेती में मॉडर्न प्रौद्योगिकी, मोटे अनाजों, आधुनिक कृषि, संरक्षित खेती से संबंधित जानकारियों प्राप्त होंगी। 

यदि किसान भाई अपने आप को आधुनिक कृषि से अपडेट करना चाहते हैं। तब आप उसके लिए 2 से 4 मार्च 2023 को मेला ग्राउंड पूसा, दिल्ली में आयोजित होने वाले “पूसा कृषि विज्ञान मेला- 2023” में अवश्य शम्मिलित हों।

भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया दौरा

भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया दौरा

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (ICAR) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (IARI) द्वारा कृषि विज्ञान मेले के आयोजन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान और कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित किया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संबोधन के दौरान किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न लाभकारी योजनाओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान भाई अब उत्पादकता के मामले में काफी आगे हैं। कृषि से संबंधित समस्त क्षेत्रों में एक सकारात्मक वृद्धि देखने को मिल रही है। Merikheti.com की टीम ने मेले में जाकर शुरू से अंत तक सारी चीजों को कवर किया है। टीम को एक ऐसा किसान मिला जो मेले में काफी लंबी चौड़ी लौकी हाथ में लिए दिखा। अद्भुत लौकी को देखने के लिए लोगों का ताँता लग गया।

भारत के किसान हर क्षेत्र में आगे हैं : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि मेले को संबोधित करते हुए कहा है, कि किसान भाई दुग्ध उत्पादन, पशुपालन और फसल उत्पादन आदि में अग्रणीय साबित हो रहे हैं। किसान हर तरह से खेती के प्रति अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। देश ही नहीं बल्कि दुनिया की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भारतीय किसान अग्रणीय स्तर पर माने जा रहे हैं। केंद्र सरकार खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए किसान हित में विभिन्न लाभकारी योजनाएँ चला रही है। जिससे किसानों को आधुनिक कृषि प्रणाली द्वारा उत्पादन करने में काफी सहायता प्राप्त हो रही है।

विभिन्न किस्मों के बीजों के बारे में बताया गया

पूसा परिसर में आयोजित कृषि विज्ञान मेला के दौरान बेहतरीन किस्मों के बीजों के विषय में किसानों को बताया गया। मेले में ऐसी किस्मों के बीज मौजूद थे जिनका उत्पादन करके किसान अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। आज के समय किसान बीजारोपण करके बेहतरीन पैदावार हाँसिल कर रहे हैं। अच्छे बीजों के चयन को लेकर किसान काफी जागरूक दिखाई दे रहे हैं। इसी वजह से आज भारत प्रगति की दिशा में अग्रसर हो रहा है। ये भी पढ़ें: पूसा कृषि विज्ञान मेला का किया जा रहा आयोजन किसानों को दी जाऐंगी यह जानकारियाँ

श्री अन्नों द्वारा खाद्य एवं पर्यावरण सुरक्षा

कृषि विज्ञान मेला में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे मोटे अनाज से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि श्री अन्नों के माध्यम से देशवाशियों की सेहत के साथ-साथ खाद्यान आपूर्ति व पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। श्री अन्नों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई सारे कदम उठाए गए हैं। जिसकी वजह से आज मोटे अनाज से निर्मित उत्पादों की मांग देश-दुनिया में काफी बढ़ गई है।
दिल्ली में पूसा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन 28 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक होगा

दिल्ली में पूसा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन 28 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक होगा

किसान भाईयों के लिए एक अच्छा समाचार है। दिल्ली में 28 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक पूसा कृषि विज्ञान मेला लगेगा। इस लेख में जानिए मेले में इस बार क्या खास रहेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान) में 28 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक कृषि विज्ञान मेला का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस बार ‘कृषि उद्यमिता से समृध्द किसान’ थीम पर आधारित मेले का आयोजन किया जा रहा हैं। 

आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने मेले की जानकारी देते हुए कहा कि इस बार 3 दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेला 28 फरवरी से 1 मार्च तक चलेगा। पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे। इस बार मेले का विषय ‘कृषि उद्यमिता से समृध्द किसान’ है। इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि मेले का मुख्य आकर्षण किसानों को पूसा बासमती की किस्मों के बीज उपलब्ध कराऐ जाएंगे। इसके साथ ही मेले में कई तरह के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।

किसानों को किस फसल की किन-किन किस्मों के पर्याप्त बीज मिलेंगे ? 

डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि पूसा संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की उन्नत प्रजातियों का गुणवत्ता पूर्ण बीज कृषकों को प्रति वर्ष दिया जाता हैं। इस वर्ष पूसा संस्थान धान की नवीन विकसित किस्में पूसा बासमती 112, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1850, पूसा बासमती 1886 और पूसा बासमती 1728, तथा पूसा बासमती 1692 जैसी इन बहुत सी किस्मों का बीज किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जायेगा।

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विगत वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में बीज की कम मात्रा होने की वजह से बासमती धान की किस्मों के बीज सीमित मात्रा में मुहैय्या कराऐ गए थे। इस किसानों को काफी समस्याओं और आई थी। परंतु इस बार पूसा संस्थान पुख्ता इंतजाम किए हैं। डॉ अशोक कुमार ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस बार (कृषि विज्ञान मेला 2024) सभी किस्मों के बीज किसानों को पर्याप्त मात्रा में दिए जाएंगे।

क्या किसान भाई ऑनलाइन माध्यम से यहां बुकिंग कर सकते हैं ?

इस बार पूसा संस्थान द्वारा ऑनलाइन बुकिंग की भी व्यवस्था उपलब्ध की गई हैं। किसान संस्थान की अधिकारिक वेबसाइट www.iari.res.in पर जाकर अपनी बुकिंग कर लें। इसके जरिए से कोई भी किसान अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी किस्म की कितनी भी बीज की मात्रा को बुक कर सकते हैं। ऑनलाइन बुकिंग के दौरान आप पेमेंट भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकतें हैं। पेमेंट करने पर आपको इसका रसीद नंबर प्रदान किया जायेगा। इसको लेकर आप मेले में जायेंगे तो आपको कहीं भी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप सीधे काउंटर पर जाकर अपने बीज को हांसिल कर सकते हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने झारखंड में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन किया

केंद्रीय कृषि मंत्री ने झारखंड में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन किया

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने रविवार 10 मार्च को झारखंड के सिमडेगा जनपद में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन किया। सिमडेगा जनपद के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित इस मेले का प्रमुख विषय “कृषि उद्यमिता– समृद्ध किसान” है।

भारत को दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने का निश्चय

मुख्य अतिथि श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए पूसा संस्थान और अन्य अनुसंधान संस्थाओं द्वारा लगातार बेहतरीन प्रयास किया रहा है। 

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उन्होंने किसानों से नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। श्री मुंडा ने दलहन-तिलहन के क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद किसानों को संकल्प दिलाया।

प्रदर्शनी से फसलों का रोग से संरक्षण हो सकेगा 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि बीज में रोग ना लगे, इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। धान की फसल में जल की कम खपत हो, इसके लिए कैसे बीज तैयार किए जाएं, इस संबंध में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों के माध्यम से शोध व अध्ययन किया जा रहा है और नई फसल किस्में तैयार भी की गई हैं। इस प्रदर्शनी के जरिए से किसानों को फसलों में रोग से संरक्षण के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

किसानों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है 

अर्जुन मुंडा ने बताया कि सिमडेगा जिले को आदर्श जिला बनाना है। कृषि के आधुनिकीकरण के मकसद से केंद्रीय स्तर पर केंद्र के माध्यम से किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिससे वह सीधे कृषि मंत्रालय से जुड़कर नई तकनीकों का लाभ ले सकें और उनके गांव-खेत की जानकारी डिजिटल रूप से जुटाकर सरकार उनके कल्याण के लिए ज्यादा मजबूती से कार्य कर सकें।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली द्वारा सिमडेगा में आयोजित मेले के दौरान देशभर से विभिन्न कृषि संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र नवीन तकनीकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। 

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उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मूल्य संवर्धन और फसल विविधता पर चर्चा की जाएगी। मेले में कृषक उत्पादक संगठन व महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी स्टॉल लगाये गए है। पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा संगोष्ठी भी की जा रही है, जिससे किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

पूसा कृषि विज्ञान मेले में कौन-कौन उपस्थित रहे 

कृषि विज्ञान मेले के इस अवसर पर श्रीमती विमला प्रधान पूर्व मंत्री झारखंड, श्री निर्मल कुमार बेसरा पूर्व विधायक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, दिल्ली के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह, डा. एस.सी. दुबे कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, डा. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव प्रोद्यौगिकी अनुसंधान संस्थान, रांची, डा. विशाल नाथ समेत विभिन्न कृषि अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक एवं प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

पूसा कृषि विज्ञान मेला किसानों के

पूसा कृषि विज्ञान मेला किसानों के "दिल्ली चलो मार्च" के चलते हुआ स्थगित

भारत कृषि से संबंधित तकनीकी नवाचारों और सबसे नवीन खेती प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में 28 फरवरी से 1 मार्च, 2024 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का पूसा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन होने जा रहा था। 

 जो कि "दिल्ली चलो मार्च" के चलते कुछ कारणों की वजह से स्थगित कर दिया गया है। यह मेला न केवल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, बल्कि आगामी समय की खेती के लिए नए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा। 

पूसा का वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कहा है, कि जैसे ही मेला की तिथि सुनिश्चित होगी, तुरंत किसानों को सूचित कर दिया जाएगा। 

पूसा मेले की विभिन्न निम्नलिखित विशेषताएं 

  1. तकनीकी प्रदर्शनियां: इस मेले में कृषि तकनीकों के प्रदर्शन का एक विशेष आकर्षण है। नवीनतम किसान यंत्र, स्मार्ट खेती तकनीक, बीज विकास और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर प्रदर्शन होगा। 
  2. विभिन्न विषयों पर सेमिनार और कार्यशालाएं: विभिन्न खेती से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जो किसानों को नई तकनीकों और अनुसंधानों से अवगत कराएंगी। 
  3. किसान-उद्यमी मिलन सभा: इस मेले में किसानों और उद्यमियों के बीच एक मिलन सभा आयोजित की जाएगी, जो उन्हें अपने अनुसंधान और उत्पादों को एक दूसरे के साथ साझा करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करेगी। 
  4. आर्थिक योजनाएं और समर्थन: सरकार के प्रति किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, इस मेले में विभिन्न योजनायें और समर्थन कार्यक्रम भी होंगे। 
  5. बीज की ऑनलाइन बुकिंग: इस साल बीजों की ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है। किसान पूसा संस्थान की अधिकारिक वेबसाइट www.iari.res.in पर जाकर अपनी जरूरत के हिसाब से बीजों की बुकिंग और पेमेंट कर सकते हैं।